Shodashi - An Overview

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Neighborhood feasts play a substantial role in these situations, where devotees occur together to share foods That usually include things like standard dishes. These foods rejoice both the spiritual and cultural aspects of the festival, improving communal harmony.

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

The Shodashi Mantra is a 28 letter Mantra and therefore, it is among the easiest and simplest Mantras so click here that you can recite, recall and chant.

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

The noose signifies attachment, the goad signifies repulsion, the sugarcane bow signifies the intellect as well as the arrows will be the five perception objects.

These gatherings are not merely about individual spirituality but will also about reinforcing the communal bonds by means of shared ordeals.

श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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